Mandi,10 August-चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर मंडी और पंडोह के बीच स्थित 9 मील क्षेत्र में सड़क की हालत दिनों-दिन खतरनाक होती जा रही है।करीब 100 मीटर लंबा हिस्सा एक ओर से धंस चुका है,जबकि दूसरी तरफ बरसात में पहाड़ी से लगातार दलदली मलबा और पत्थर गिर रहे हैं। इससे यहां से गुजरना वाहन चालकों और पर्यटकों के लिए जोखिम भरा बन गया है।बारिश के दिनों में भूस्खलन की रफ्तार और तेज हो जाती है, जिससे जाम लगना आम बात हो गई है।
वायर डक्ट ब्रिज बनेगा समाधान
स्थानीय निवासी और रोजाना यात्रा करने वाले लोग बताते हैं कि जब से फोरलेन कटिंग शुरू हुई है,पहाड़ी की मजबूती कमजोर हो गई है।पंडोह निवासी राज कुमार और बस चालक देश राज का कहना है कि फोरलेन निर्माण में लगी कंपनी बरसात में ही कटिंग जैसे जोखिमपूर्ण कार्य करती है,जबकि बाकी मौसम में स्थायी सुधार के लिए कोई ठोस काम नहीं होता। पर्याप्त मशीनरी और संसाधन न होने के कारण सड़क खोलने में कई घंटे लग जाते हैं।
बिजली टावर पर संकट
भूस्खलन से पास स्थित बिजली का एक टावर भी खतरे में है।यह टावर एक ओर झुक चुका है और इसकी नींव से मलबा बहकर निकल रहा है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन, एनएचएआई और निर्माण कंपनी से तत्काल टावर की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है,ताकि किसी बड़ी दुर्घटना को टाला जा सके।
एनएचएआई का समाधान प्लान
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वरुण चारी ने बताया कि 9 मील की पहाड़ी अस्थिर है और यहां कटिंग कार्य बंद कर दिया गया है।इसके स्थान पर लगभग 300 मीटर लंबे वायर डक्ट ब्रिज (फ्लाईओवर) के निर्माण की डीपीआर तैयार कर मुख्यालय को भेज दी गई है।स्वीकृति मिलते ही टेंडर जारी कर काम शुरू किया जाएगा,जिससे इस खतरनाक मोड़ पर स्थायी समाधान मिल सके।