Mandi-हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में लगातार बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है करसोग और धर्मपुर उपमंडल में बादल फटने और फ्लैश फ्लड की वजह से भारी नुकसान हुआ है। वहीं गोहर,सदर,और मंडी शहर में भी भूस्खलन और जलभराव के कारण हालात गंभीर बने हुए हैं।
करसोग में कहर,एक की मौत
करसोग उपमंडल के पुराना बाजार (पंजराट),कुट्टी,बरल, ममेल और भ्याल क्षेत्रों में तेज बारिश और फ्लैश फ्लड से गाड़ियां बह गईं, कई घर क्षतिग्रस्त हो गए। इस आपदा में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 25 से अधिक लोगों को प्रशासन ने सुरक्षित रेस्क्यू किया है।
स्यांज नाले में बहा घर,7 लोग लापता
गोहर उपमंडल के स्यांज नाले में आई भीषण बाढ़ से एक मकान बह गया।इस हादसे में मां-बेटी को बचा लिया गया है,लेकिन 7 लोग अब भी लापता हैं।लापता लोगों में तीन पीढ़ियों के सदस्य शामिल हैं — बुजुर्ग,वयस्क और मासूम बच्चे।
धर्मपुर में भूस्खलन और फ्लैश फ्लड
धर्मपुर की मंडप तहसील के सुंदल गांव में काफलवानी माता मंदिर से आए नाले में अचानक आई बाढ़ ने क्षेत्र में दहशत फैला दी।वहीं लौंगनी पंचायत के सयाठी गांव में भूस्खलन से एक घर और कई गौशालाएं ध्वस्त हो गईं।मवेशियों की भी जान गई है।
ब्यास नदी का रौद्र रूप,पंडोह डैम से छोड़ा गया पानी
पंडोह डैम का जलस्तर 2922 फीट तक पहुंच गया है,जो खतरे के निशान (2941 फीट) के बेहद करीब है।डैम से 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद ब्यास नदी पूरे उफान पर है।पंचवक्त्र मंदिर तक पानी पहुंच चुका है, और मंडी शहर की कई सड़कें जलमग्न हो गई हैं।
मंडी शहर में भारी नुकसान,रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
पंडोह बाजार,पैलेस कॉलोनी,जेल रोड,कोटली और पधर क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।रातभर लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।प्रशासन ने 12 से ज्यादा लोगों को पधर क्षेत्र से सुरक्षित निकाला।
संपर्क मार्ग ठप,पुल और सड़कें ध्वस्त
कुकलाह और बाखली पुल टूट गए,जिससे कई गांवों का संपर्क कट गया है।
बाड़ी गुमाणू मार्ग और मंडी-कोटली रोड पर लैंडस्लाइड से यातायात बंद है।
चंडीगढ़-मनालीनेशनल हाईवे भी ठप पड़ा है।
स्कूल बंद,प्रशासन अलर्ट पर
जिले में भारी बारिश और संभावित खतरे को देखते हुए सभी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है।राहत और बचाव दल 24 घंटे मोड पर काम कर रहे हैं।प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि नदी-नालों से दूर रहें और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।