31 दिसंबर, हिसार- हरियाणा के लोगों के सामने हुक्के का नाम सामने आते लोगों के मुहं में पानी आ जाता है. हरियाणा के हर गांवों चौपालों विवाहो में हुक्का रखा मिल जाएगा। हिसार के पुराने राजकीय मैदान में आयोजित स्वदेशी मेले में विशाल काय हुक्का व खाट लोगो का आकर्षण का केंद्र बने हुए है।
ऋषि नगर के अजय व दीक्षांत ने बताया कि खाट और हुक्का को तैयार करवाया है। इसको लेने के लिए उनके पास आर्डर आ रहे है. खाट के लिए दो आर्डर आए है और हुक्के के लिए तीन चार आर्डर आए है. फिलहाल अभी तक चालीस से अधिक हुक्के बेच चुके है. नौ चिलम के हुक्के को शादियों में किराए पर दिया जाता है। हिसार,फतेहाबाद, सिरसा, गुरुग्राम, झज्जर, चंडीगड दिल्ली, यूपी केलोग हुक्के को किराए पर लेकर जाते है।
हरियाणवी हुक्के की खासियत
हरियाणवी हुक्का सबसे बडा हुक्का है.इसकी चौड़ाई छह फीट और इसका वजन पांच सौ किलो है.यह साढे छह फीट का हुक्का अपने आप में विशेष दिखता है. इसका वजन पचास किलोग्राम है और हुक्का में नौ चिलमें लगने की बाद आकर्षक दिखता है। लोगों को देखते ही देखते पंसद आता है और लोग अपनी सैल्फी लेते है। हुक्का में चालीस लीटर पानी भर जाता है.नौ चिलम लगाई जाती है.इसका वजन पचास किल्लो है रोहिडे की लकड़ी से बना हुआ है।मार्किट में नौ चिलम के हुकके की कीमत 90 हजार रुपये है। पांच चिलम का हुक्का पचास हजार रुपये तथा तीन चिलम का हुक्का चालीस हजार का मिलता है. इसे स्पेशल तैयार करवाना पडता है.हुकका हरियाणा सस्कृति का प्रतीक है। इसको अजय व दीक्षंात ने डिजाइन करवाया है. अजय ने बताया कि हुक्के को तैयार करवाने में ढेड महीने में समय लगा था इसकी रोहिडे की लकडी राजस्थान से मंगवाई थी।
पांच सौ किलो की खाट की खासियत
दीक्षांत पूनिया के पिता सुखबीर ने बताया कि हरियाणवी खाट पंद्रह फीट लंबी और छह फीट चौडी खाट बनाने में पाच महीने लग गए थे इसकी कीमत सवा लाख रुपये है। खाट को लोहे और स्टील से बनाया गया है. इसका वजन पांच सौ किलोग्राम है। खाट भरने के लिए राजस्थान से सूत मगवाई थी। पद्रह फीट लंबी और छह फीट चौडी खाट बनाने में चार से पांच महीनो का समय लग गया था। इस खाट पर हरियाणा के बाइस जिलों के नाम लिखे हुए है। लोग इस पर बैठ कर आनन्द ले रहे है। लोगो ने कहा इस प्रकार की खाट मेले में पहली बार देखी है.काफी अच्छी और बैठने में आराम दायक है इस खाट पर कई लोग बैठ सकते है।