Shimla,4 July-हिमाचल प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की पार्टी के वरिष्ठ नेताओं—पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल और शांता कुमार—से हुई मुलाकात को महज शिष्टाचार नहीं,बल्कि एक गहरी राजनीतिक तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।
यह मुलाकात संगठन में सामंजस्य,अनुभव के पुनर्प्रयोग और चुनावी लक्ष्य को मजबूत आधार देने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।खास बात यह है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ.राजीव बिंदल,जिन्होंने 1 जुलाई को पदभार संभाला, भी इस अहम बैठक में शामिल रहे।बिंदल ने अपने पहले ही भाषण में कांग्रेस सरकार को “भ्रष्ट और जनविरोधी” बताते हुए 2027 को पार्टी का मुख्य लक्ष्य घोषित किया था।
संगठन को फिर से खड़ा करने की कवायद
2 जुलाई को हिमाचल पहुंचते ही नड्डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भर दी। 4 जुलाई को धूमल और शांता कुमार से की गई बैठक ने साफ संकेत दिया कि भाजपा इस बार अपने सभी अनुभवी नेताओं को साथ लेकर “मिशन हिमाचल रिटर्न” की मजबूत नींव रख रही है।पार्टी के भीतर यह कवायद संगठनात्मक मजबूती, बूथ प्रबंधन और युवा कार्यकर्ताओं के साथ वरिष्ठ नेताओं के अनुभव को जोड़ने की दिशा में हो रही है।
2022 की हार से सबक,2024 से उम्मीद
2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा केवल 37,974 वोट कम मिलने की वजह से सत्ता से बाहर हो गई थी। कुछ सीटों पर हार का अंतर बेहद मामूली था:
भोरंज: 60 वोटों से
सुजानपुर: 399 वोटों से
शिल्लाई: 382 वोटों से
हालांकि 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी ने जोरदार वापसी की और 56.29% वोट शेयर के साथ कांग्रेस पर निर्णायक बढ़त हासिल की:
कांगड़ा में कांग्रेस से 24.29% अधिक वोट
हमीरपुर में 17.33% अधिक
शिमला में 9.42% अधिक
मंडी में 7.34% अधिक
नड्डा-बिंदल की जोड़ी से नई उम्मीद
भाजपा की रणनीति साफ है—लोकसभा में मिली बढ़त को विधानसभा में दोहराना। नड्डा के अनुभव,बिंदल की आक्रामक शैली और वरिष्ठ नेताओं का मार्गदर्शन मिलकर संगठन को नई दिशा दे सकते हैं।इस मुलाकात के साथ ही भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह 2027 को केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि “हिमाचल में वापसी का संकल्प” मानकर चल रही है।