Shimla,sanju-अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर बुधवार को हिमाचल प्रदेश में विभिन्न जिलों, खंडों और तहसीलों में किसानों व बागवानों ने धरना-प्रदर्शन किए। हिमाचल किसान सभा, सेब उत्पादक संघ और CITU के नेतृत्व में हुए इन कार्यक्रमों में प्रतिभागियों ने संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से देश की राष्ट्रपति को 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा।
शिमला में किसान-बागवानों ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर नारेबाजी की और अपनी मांगों को लेकर उपायुक्त अनुपम कश्यप को ज्ञापन सौंपा। हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष डॉ. कुलदीप तंवर ने कहा कि कृषि, किसानों की आजीविका और खाद्य सुरक्षा गंभीर संकट में हैं। ज्ञापन में CETA और अमेरिका के साथ FTA समझौतों को रद्द करने, GM खाद्य पदार्थों के आयात और 25% टैरिफ समाप्त करने, नई राष्ट्रीय सहकारी नीति व NPFAM को रद्द करने, सभी फसलों के लिए C2+50% फार्मूले पर MSP की कानूनी गारंटी और सरकारी खरीद सुनिश्चित करने की मांग की गई।
इसके अलावा किसानों का सम्पूर्ण कर्ज माफ करने, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की मनमानी रोकने, बिजली निजीकरण समाप्त कर 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने और लंबित बिल माफ करने की भी बात रखी गई। अन्य प्रमुख मांगों में पंजाब की लैंड पूलिंग नीति रद्द करना, 2013 का LARR अधिनियम लागू करना, सरकारी पेंशन ₹10,000 मासिक करना, 10 साल पुराने ट्रैक्टरों पर प्रतिबंध हटाना, वन अधिकार अधिनियम 2006 को सख्ती से लागू करना, आदिवासी विस्थापन रोकना, प्राथमिक स्कूल बंद करने की नीति समाप्त करना और सांप्रदायिक हिंसा पर रोक लगाना शामिल है।