अम्बाला, 3 दिसंबर –भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों द्वारा डाकघर में रजिस्ट्री और स्पीड पोस्ट को मर्ज करने पर ऑल इंडिया आरएमएस एंड एमएमएस एम्पलाई यूनियन द्वारा पूरे देश में एक दिन की भूख हड़ताल का आहवान किया है. इसी के साथ डाक विभाग द्वारा गुड़गांव में RMS का दफ्तर बंद करके उसे फरीदाबाद में शिफ्ट करने पर भी कर्मचारियों में भारी रोष फैल गया है!.उन्होंने विभाग के दोनों निर्णय को वापस लेने की मांग की है
भारतीय डाक सेवा अधिकारियों द्वारा देश के डाकघर में होने वाली रजिस्ट्री व स्पीड पोस्ट को पहले अलग-अलग किया गया था ताकि उपभोक्ताओं को लाभ मिल सके. इसके साथ-साथ विभाग को भी आर्थिक रूप से काफी फायदा हो रहा था, लेकिन अब विभाग ने एकदम से दोनों को मर्ज करने का निर्णय लिया है, जो डाक विभाग कर्मचारी और उपभोक्ताओं की सुविधाओं के खिलाफ जाता है. इसी को लेकर ऑल इंडिया आरएमएस एंड एमएस एम्पलाई यूनियन ग्रुप C के कर्मचारियों ने एक दिन की सांकेतिक भूख हड़ताल की है! अंबाला में भी चीफ पोस्टमास्टर जनरल दफ्तर के बाहर सड़क पर बैठकर विभाग के एम्पलाई सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और अपने निर्णय को वापस लेने की मांग भी कर रहे हैं! विभाग के परिमंडल सचिव के एम त्रिपाठी का कहना है कि यदि जल्द ही सरकार ने इस निर्णय को वापस ना लिया तो वह कोई कठोर निर्णय लेने पर मजबूर हो जाएंगे!
वही चीफ पोस्ट मास्टर जनरल अंबाला दफ्तर के बाहर एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठे यूनियन के राकेश शर्मा, डिवीजन सेकेट्री, RMS दिल्ली ने पत्रकारों से बताया कि जहां एक तरफ पहले सरकार कुरियर सेवाओं से कंपटीशन करते हुए स्पीड पोस्ट वर हिस्ट्री को अलग दायरे में रखा था, लेकिन अब इसको मर्ज करने से विभाग की पोल खुल गई है! इसी प्रकार विभाग ने मिलेनियम सिटी कहे जाने वाले गुड़गांव के दफ्तर को बंद करके उसे फरीदाबाद शिफ्ट करने पर भी एंप्लॉय में भारी रोष फैल गया है! उनका कहना है कि इससे जहां विभाग को आर्थिक नुकसान होता है वही कर्मचारीयों की कार्य प्रणाली भी संदेह के घेरे में आते है! उन्होंने स्पष्ट किया कि बाहर से आने वाली डाक पहले दिल्ली उतरती है और उसके बाद चटनी के लिए फरीदाबाद ले जाया जाता है और बाद में उसे गुड़गांव भेजा जाता है जिससे विभाग को जहां सालाना 68 करोड रुपए का नुकसान हो रहा है.भाई विभाग के कर्मचारियों की कार्य प्रणाली पर भी उंगली उड़ती नजर आ रही है! उनका कहना है कि विभाग अपने लिए गए दोनों निर्णों पर पुनर्विचार करें अन्यथा उन्हें सख्त कदम उठाने पड़ेंगे!