Delhi,25 September-अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच द्वारा आयोजित नवीन ऊर्जा समीकरण विषयक कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा का मुद्दा किसी एक देश का नहीं बल्कि पूरे विश्व का है।ऊर्जा,अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी के बीच संतुलन स्थापित करना अत्यंत आवश्यक है।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि भारत का रुख़ कार्बन उत्सर्जन को लेकर स्पष्ट है और भारत लगातार विकसित देशों से आग्रह करता आया है कि वे 2050 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में ठोस कदम उठाएँ।
अनुराग ठाकुर ने कहा:
“ऊर्जा तक पहुँच प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है,यह कुछ लोगों के लिए विशेषाधिकार नहीं होना चाहिए।”
“प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने आत्मनिर्भरता,क्षमता निर्माण और स्वच्छ ऊर्जा पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है।महत्वपूर्ण खनिजों की खोज हेतु भारत 2024-25 से 2030-31 तक 1,200 नई परियोजनाएँ शुरू करेगा।उन्होंने यह भी कहा कि जैसे जलवायु परिवर्तन पूरी मानवता के लिए चुनौती है,वैसे ही ऊर्जा सहयोग वैश्विक सफलता की कहानी बन सकता है।
भारत की प्रगति और लक्ष्य
भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म क्षमता का लक्ष्य रखा है।
जून 2025 तक भारत की कुल स्थापित क्षमता 476 गीगावाट पहुँच चुकी है।
इसमें से 50% से अधिक (235.7 गीगावाट) गैर-जीवाश्म स्रोतों से है।
भारत नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में विश्व में चौथे स्थान पर है।
जुलाई 2025 तक भारत सौर ऊर्जा उत्पादन में जापान को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर पहुँच चुका है।
2.8 करोड़ से अधिक घरों का विद्युतीकरण हुआ है और प्रति व्यक्ति बिजली खपत में 45.8% की वृद्धि दर्ज की गई है।
बिजली की कमी 2013-14 में 4.2% से घटकर 2024-25 में 0.1% पर आ गई है।