Dharamshala, Rahul-हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने विद्यार्थियों के हित में कई बड़े निर्णय लिए हैं। बोर्ड अध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा ने धर्मशाला स्थित बोर्ड मुख्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि मार्च 2026 से कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में तीनों सीरीज (A, B, C) में अब एक समान प्रश्न पत्र लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अब तक तीन अलग-अलग प्रश्न-पत्र सीरीज में प्रश्न बदल जाते थे, जिससे कठिनाई स्तर में अंतर आ जाता था। इससे कई बार मेधावी छात्रों के अंक प्रभावित होते थे। अब नई व्यवस्था में सभी सीरीज में प्रश्न समान होंगे, केवल प्रश्नों का क्रम बदलेगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप नए बदलाव
डॉ. शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) के अंतर्गत कक्षा 4 से 6 तक के विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक सत्र 2026–27 से NCERT दिल्ली द्वारा तैयार नया पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा।पहले राज्य में एक वर्ष पुराना पाठ्यक्रम लागू होता था। अब नई पुस्तकें NCERT के प्रकाशनाधिकार अनुबंध के तहत मुद्रित और वितरित की जाएंगी।
प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुरूप प्रश्न-पत्र
बोर्ड ने विद्यार्थियों को NEET, JEE और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के उद्देश्य से सभी विषयों में 20 प्रतिशत बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) शामिल किए हैं। इन प्रश्नों के उत्तर OMR शीट पर दर्ज किए जाएंगे।
प्रश्न बैंक दिसंबर में उपलब्ध
कक्षा 9वीं से 12वीं तक के प्रमुख विषयों के प्रश्न बैंक तैयार किए जा चुके हैं, जिन्हें विषय विशेषज्ञों द्वारा अंतिम रूप दिया जा रहा है। ये प्रश्न बैंक दिसंबर के प्रथम सप्ताह में बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे।
डिजिटल प्रगति कार्ड और शिक्षकों की ट्रेनिंग
NEP 2020 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप बोर्ड ने विद्यार्थियों के समग्र मूल्यांकन के लिए Holistic Progress Card (Secondary Stage) का डिजिटल प्रारूप तैयार किया है। इसमें विद्यार्थियों की शैक्षणिक और सह-शैक्षणिक उपलब्धियों का पूरा रिकॉर्ड रहेगा।
शिक्षकों की क्षमता बढ़ाने के लिए NCERT और PARAKH के सहयोग से कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है, ताकि योग्यता आधारित प्रश्न पत्र निर्माण प्रक्रिया को और मजबूत किया जा सके।
राज्य में शिक्षा मानकीकरण की दिशा में कदम
बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसे सरकार द्वारा State School Standard Setting Authority (SSSA) के रूप में अधिसूचित किया गया है। इसी क्रम में बोर्ड ने School Quality Assessment and Assurance Framework (SQAAF) का प्रारूप भी तैयार किया है, जिससे राज्यभर के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और मानकीकरण सुनिश्चित किया जा सके।
डॉ. राजेश शर्मा, अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला ने कहा कि —
“बोर्ड के निरंतर सुधारों का उद्देश्य विद्यार्थियों को न केवल राज्य, बल्कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है।”