शिमला:चन्द्रिका(TSN)-प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर की 112 हेक्टेयर भूमि को पर्यटन गांव के लिए हस्तांतरित करने के निर्णय को भाजपा किसान मोर्चा ने गलत करार दिया है.प्रदेश अध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा संजीव देष्टा ने कहा कि यह निर्णय न तो किसानो के हित में है और न ही विद्यार्थिओं के हित में हैं|उन्होंने कहा की पर्यटन की दृष्टि से प्रदेश सरकार द्वारा जिला कांगड़ा को पर्यटन की राजधानी बनाये जाने का भाजपा किसान मोर्चा स्वागत करता है लेकिन इसके एवज में कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में टूरिजम विलेज के लिए 112 हेक्टेयर भूमि हिमाचल प्रदेश सरकार का कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर से लेने का निर्णय गलत है तथा सरकार को इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए |
छात्रों के प्रायोगिक कार्यों और अनुसंधान गतिविधियों के लिए किया जाए इस्तेमाल
संजीव देष्टा ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान इस विश्वविद्यालय को उत्तर पश्चिम क्षेत्र के लिये केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाये जाने की शुरुआत की गई थी जो अभी जारी है और ऐसे में कृषि विश्वविद्यालय की भूमि का अधिग्रहण इस पहल में बड़ी बाधा है|किसान मोर्चा अध्यक्ष ने कहा की सरकार द्वारा ली गई इस भूमि में जिसमे प्राकृतिक फार्म, कार्यशाला, डेयरी, थ्रेशिंग फ्लोर,बीज भंडार,फार्म कार्यालय, बीज उत्पादन,चाय की फसल,घास के मैदान जैसी बुनियादी सुविधाएं हैं,इसका उपयोग प्राकृतिक अनुसंधान करने के लिए किया जा रहा है।कृषि विश्वविद्यालय द्वारा करोड़ों रुपए खर्चा कर इस जमीन पर कृषि विश्वविद्यालय में स्थित पशुचिकित्सा महाविद्यालय में उत्पादन, मत्स्य पालन और मुर्गी पालन के लिए इस भूमि को उपयोग किया जा रहा था और आगे भी विस्तार की योजना है। इस भूमि का उपयोग छात्रों के प्रायोगिक कार्यों और अनुसंधान गतिविधियों के लिए किया जाना चाहिए।
सरकार अपना फैसला ले वापिस
संजीव देष्टा ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार ने अपने इस फैसले को जल्द वापिस नहीं लिया तो जल्द ही भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी एवं प्रदेश भर में प्रदेश सरकार के इस कृषि एवं बागवानी विरोधी निर्णय के खिलाफ सड़कों में उतरेगा जिसकी पूर्ण जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी |