Shimla,Sanju— हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार शाम शिमला के ढली,भट्टाकुफर और लिंडीधार क्षेत्रों का दौरा किया। ये इलाके फोरलेन निर्माण कार्य के चलते प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने मौके पर पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) से उचित क्लेम दिलवाने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास करेगी।
NHAI से दिलवाएंगे उचित मुआवजा
इस दौरे में मुख्यमंत्री के साथ पंचायती राज मंत्री अनुराग सिंह,सीएम के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। सुक्खू ने चलोंथी में निर्माणाधीन फोरलेन कार्य की समीक्षा की और लिंडीधार में उन मकानों का निरीक्षण किया जो भूस्खलन की चपेट में हैं। भट्टाकुफर में जहां कुछ दिन पहले एक पांच मंजिला इमारत ढह गई थी,वहां उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री की टिप्पणी:
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में जब 90 डिग्री पर कटिंग की जाती है तो उससे न केवल आमजन को बल्कि निर्माण कार्य कर रही एजेंसियों और NHAI को भी नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से बात करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि निर्माण कार्यों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
आपदा से राज्य को भारी नुकसान:
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश और आपदाओं से अब तक करीब 800 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे बरसात के दौरान नदी-नालों से दूरी बनाए रखें। उन्होंने बताया कि कई जलापूर्ति योजनाएं, सड़कें और विद्युत परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं। मंडी क्षेत्र में सरकार प्राथमिकता के आधार पर राहत कार्य चला रही है और करीब 100 जेसीबी, पोकलेन और टिप्पर तैनात किए गए हैं ताकि सड़कों की बहाली जल्द हो सके।
प्राथमिकता है प्रभावितों की मदद:
सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता प्रभावित लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध करवाना, उन्हें किराए का आवास दिलवाना और बाद में पुनर्वास करना है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार राजनीति नहीं, जनसेवा को प्राथमिकता देती है।