Shimla,Sanju-आगामी सेब सीजन को ध्यान में रखते हुए शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने आज बागवानों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ अहम बैठक की।इस दौरान उपायुक्त ने सभी संबंधित व्यवस्थाओं—जैसे कि सड़कें, यातायात,बिजली,पानी और ढुलाई—का जायजा लिया और इन्हें सुचारू करने के लिए जरूरी निर्देश जारी किए।
कंट्रोल रूम और सड़क मरम्मत के निर्देश
बैठक में बागवानों ने खराब सड़कों की मरम्मत और ट्रैफिक प्रबंधन को लेकर चिंता जाहिर की ताकि उनकी फसल समय पर और बिना रुकावट मंडियों तक पहुंच सके। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि सेब जिला शिमला की आर्थिकी का मुख्य आधार है, इसलिए बागवानों की समस्याओं का समाधान सर्वोच्च प्राथमिकता पर किया जाएगा।उन्होंने जानकारी दी कि जिले में चार कंट्रोल रूम 15 जुलाई से कार्य शुरू कर देंगे, जो पूरे सीजन के दौरान निगरानी रखेंगे।साथ ही,सभी संबंधित एसडीएम को एक सप्ताह के भीतर खस्ताहाल सड़कों की पहचान कर उन्हें मरम्मत के लिए चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं।
संयुक्त किसान मंच के संयोजक ने की ये मांग
संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने बैठक में हिस्सा लेते हुए कहा कि सेब सीजन के दौरान फर्जी व्यापारियों और ठगी की घटनाओं पर रोक जरूरी है।उन्होंने उपायुक्त से मांग की कि इस दिशा में सख्त कार्रवाई की जाए। इसके अलावा हिमफैड और एपीएमसी के कलेक्शन सेंटर 15 जुलाई से पहले खोले जाएं ताकि बागवानों को परेशानी न हो।सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक कथित आदेश को लेकर भी हरीश चौहान ने सवाल उठाए, जिसमें बागवानों को खेत से सीधे फसल न भेजने की बात कही गई है।उन्होंने कहा कि यह बागवान के अधिकारों का उल्लंघन है—बागवान चाहे तो फसल खेत से बेचे या मंडी में, यह उसका निर्णय है।