अशवनीपाहवा,लुधियाना-आज ज़िला लुधियाना ने नेशनल डेंगू डे मनाया,जिसके अंतर्गत एक विशेष जागरूकता रैली निकाली गई।इस रैली के माध्यम से समाज की भागीदारी से डेंगू जैसी बीमारी के फैलाव को रोकने के महत्व पर ज़ोर दिया गया। इस रैली को सिविल सर्जन डॉ. रमंदीप कौर ने सिविल सर्जन कार्यालय से रवाना किया,जिससे जिले स्तर पर डेंगू की रोकथाम व जागरूकता अभियान की शुरुआत हुई।
पिछले दिनों पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह द्वारा डेंगू नियंत्रण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए लुधियाना ज़िले को सम्मानित किया गया था।यह सम्मान ज़िले के स्वास्थ्य विभाग की निरंतर प्रतिबद्धता और सामुदायिक सहभागिता को दर्शाता है।इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. रमंदीप कौर ने कहा, “आज जब हम नेशनल डेंगू डे मना रहे हैं,यह याद रखना जरूरी है कि डेंगू के खिलाफ लड़ाई एक साझा ज़िम्मेदारी है। मैं हमारे स्वास्थ्य कर्मचारियों की मेहनत और लुधियाना के लोगों की सक्रिय भागीदारी की सराहना करती हूं,जिसकी बदौलत हमें यह मान्यता प्राप्त हुई है। परन्तु हमें सतर्क रहना होगा। यह जागरूकता रैली हमारे समुदाय की समझ को और मजबूत बनाने की दिशा में एक कदम है,जिससे हम स्वयं और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकें।”
डॉ.कौर ने आगे कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए निरंतर सतर्कता और जन-भागीदारी बेहद आवश्यक है।उन्होंने बताया कि डेंगू को रोका जा सकता है और सामूहिक प्रयासों से इसके प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। उन्होंने इस वर्ष की राष्ट्रीय थीम “चेक, क्लीन,कवर – डेंगू को हराने के तीन कदम” को भी उजागर किया,जो हर नागरिक से अपील करता है कि वे अपने आसपास रुके हुए पानी की जांच करें,मच्छर प्रजनन स्थलों की सफाई करें और पानी के बर्तनों को ढककर रखें।
“हर शुक्रवार, डेंगू पर वार” अभियान
इस निरंतर अभियान के तहत जिला स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक घर और संस्था से अपील करता है कि वे हर शुक्रवार कम से कम दस मिनट निकालकर अपने घर और आसपास के संभावित मच्छर प्रजनन स्थलों की जांच करें और उन्हें साफ करें।यह सरल लेकिन लगातार किया जाने वाला कार्य मच्छरों के जीवनचक्र को तोड़ने और डेंगू के विरुद्ध एक मजबूत स्वास्थ्य सुरक्षा प्रणाली बनाने का उद्देश्य रखता है।
डॉ.कौर ने बताया कि डेंगू एक वायरल संक्रमण है,जो संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। ये मच्छर आमतौर पर ऐसे स्थानों पर अंडे देते हैं जहाँ साफ पानी रुका होता है,
जैसे पुराने टायर, फूलदानों के पानी के बर्तन, कूलर और बिना ढक्कन वाले जल भंडारण डिब्बे।डेंगू से बचाव हेतु निवासियों से अपील की जाती है कि वे नियमित रूप से पानी वाले सभी बर्तनों को खाली करके साफ करें, जैसे फूलों के गमले, पक्षियों के पानी के बर्तन, पालतू जानवरों के पानी के बर्तन और बेकार टायर।पानी के डिब्बों और टंकियों को हमेशा ढक कर रखें। चूंकि एडीज मच्छर दिन के समय सक्रिय रहते हैं, अतः खुले अंगों पर मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं। लंबे बाजू के कपड़े और पैंट पहनने से भी सुरक्षा मिलती है। बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए मच्छरदानी में सोना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, जनभागीदारी से सार्वजनिक स्थलों की सफाई में सहयोग भी बेहद ज़रूरी है।
यदि किसी व्यक्ति को तेज़ बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ या मांसपेशियों में दर्द, मतली, उल्टी या त्वचा पर चकत्ते जैसे लक्षण हों,तो तुरंत चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए।जिला प्रशासन लुधियाना के सभी नागरिकों से अपील करता है कि वे डेंगू की रोकथाम के प्रयासों में सक्रिय भागीदारी निभाएं ताकि खुद और पूरे समुदाय के अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित किया जा सके।इस अवसर पर ज़िला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. शीतल नरंग, प्रेम सिंह, सतिंदर सिंह (एमपीएचएस) और मलेरिया एवं डेंगू विंग के अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।