यमुनानगर,31 मार्च -यमुनानगर के पीपली माजरा गांव में पिछले 10 साल से स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे मोहम्मद मुस्तफा 6 महीने के भीतर ही एक-एक कर से ₹3 लाख मुनाफा कमा रहे हैं।उन्होंने बताया कि दूसरी खेती से बेहतर इसमें मुनाफा और मेहनत काम है।आज के दौर में किसान काफी आधुनिक हो चुका है।वक्त के साथ महंगी होती खेती से कम मुनाफा देखते हुए अब किसान परंपरागत खेती को छोड़कर आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहा है।हरियाणा के अंतिम छोर में हिमाचल से सट्टा यमुनानगर जिला।जिसकी भौगोलिक स्थिति यमुनानगर जिले को काफी भाती है।हिमाचल के पौंटा साहिब में स्ट्रॉबेरी की खेती काफी होती है जिससे कि ना किसान अच्छा खासा मुनाफा कमाते हैं।इसी मुनाफे को यमुनानगर जिले के किसान भी कमा रहे हैं।
रोजाना यमुना की सब्जी मंडी में करते हैं स्ट्रॉबेरी सप्लाई..
दूसरी खेती से बताया बेहतर
पिछले करीब 10 साल से मोहम्मद मुस्तफा जो यमुनानगर जिले के पीपली माजरा गांव के रहने वाले हैं.उन्होंने नेशनल हाईवे के पास एक एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती कुछ दिन पहले लगाई थी,लेकिन अब उसमें स्ट्रॉबेरी लग रही है।इस स्ट्रॉबेरी को वह रोजाना यमुना की सब्जी मंडी में बेचकर आता है और अच्छा खासा मुनाफा भी कमा रहा है मोहम्मद मुस्तफा ने बताया कि वह प्रति एकड़ ₹300000 कमा लेते हैं.उन्होंने यह भी बताया कि दूसरी खेती के अलावा यह खेती बेहतर है क्योंकि इसमें मेहनत और मुनाफा ज्यादा है।
प्रगतिशील किसान मोहम्मद मुस्तफा बताते हैं कि किसी भी तरह की मिट्टी में यह पौध लगाई जा सकती है और 45 दिन के भीतर इस पर स्ट्रॉबेरी लगने शुरू हो जाती है।यह खेती महज होती तो 6 महीने की है लेकिन इसे रोजाना तोड़कर मंडी में भेजा जाता है।बदले में अच्छा खासा मुनाफा भी मिल रहा है।उन्होंने बताया कि इस लगाना भी आसान है और इसको तोड़कर भेजना भी काफी सुगम है।