इस कड़ाके की ठंड में लोग अक्सर ठंड से बचने के लिए आग और कमरे के हीटर का प्रयोग करते हैं, और रात में ठंड अधिक होने पर लोग ऊनी और मोटे कपड़े ओढ़ कर सो जाते हैं। ऊन से बुने कपड़ों में ठंड से राहत मिल सकती है, लेकिन यह आपके शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है। आइए बताते हैं।
शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकल सकती
ऊन एक बुरा ऊष्मा कुचालक है क्योंकि यह अपने रेशों से हवा को रोकता है, जिससे शरीर में उत्पन्न गर्मी रूक जाती है और बाहर नहीं निकल पाती। इससे स्थिति में शरीर के ऊपरले तापमान में भी गिरावट आती है और यह अपने अंदरले तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता। जिसकी वजह से रात के 7 से 8 घंटे तक शरीर का तापमान बढ़ता रहता है, जिससे कम BP और सांस लेने में कठिनाई होती है।
एलर्जी
सर्दियों में रात को गरम कपड़े ओढ़कर सोने से एलर्जी होने लगती है, खासकर सुखी त्वचा वालों के लिए ऊन के रेशे त्वचा में चिपक जाते है। जिससे चमड़ी खिच जाती है,और लालिमा, खुजली आदि होनी लग जाती है।
सांस लेने में परेशानी
ऊन से बुने कपड़े ओढ़कर सोने से सांस लेना मुश्किल हो सकता है। रात को सोते समय गर्म कपड़े ऑक्सीजन को रोकते हैं। विशेष ध्यान उन लोगों को देना चाहिए जो आप या आपके परिवार में सांस की बीमारी से पीड़ित हैं।
इन बातों का खास ध्यान रखें
1. हमेशा रात को आरामदायक जगह पर सोना चाहिए और आरामदायक कपड़े पहनना चाहिए।
2. मोटे स्वेटर पहनने के बजाय हल्के कपड़े पहनकर सोएं।
3. त्वचा को नरम बनाए रखने के लिए मॉइस्चराइजर लगाएं।
4. ज्यादा फर वाले स्वेटर, मोज़े, टोपी या दस्ताने पहनने से बचें।
5. हमेशा रात को आरामदायक जगह पर सोना चाहिए और आरामदायक कपड़े पहनना चाहिए।