Shimla,28July-पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट कर हिमाचल प्रदेश में हालिया आपदा से हुए भारी नुकसान की विस्तृत जानकारी दी और प्रभावित क्षेत्रों के लिए एरिया स्पेसिफिक राहत पैकेज और वन संरक्षण कानून में रियायत देने की मांग की।
जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री को बताया कि इस आपदा में न केवल लोगों के घर तबाह हुए, बल्कि अनेक परिवारों की जमीनें भी बह गईं,जिससे वे पुनर्निर्माण के लिए जमीन तक से वंचित हो गए हैं। ऐसे में प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पुनः बसाने के लिए वन भूमि के उपयोग में कानूनी रियायत देने का आग्रह किया गया।उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी निवेदन किया कि बार–बार आ रही प्राकृतिक आपदाओं के पीछे के वैज्ञानिक कारणों का अध्ययन करवाया जाए, ताकि भविष्य में इससे बचाव की प्रभावी रणनीतियाँ बनाई जा सकें।
जयराम ठाकुर ने बताया कि अकेले सराज,करसोग और नाचन क्षेत्रों में ही 30 जून की रात को 42 लोगों की जान चली गई,जिनमें से 29 मौतें केवल सराज क्षेत्र में हुईं।सराज विधानसभा क्षेत्र में ही लगभग 1000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है, जबकि पूरे प्रदेश में यह आंकड़ा 1200 करोड़ के पार पहुंच गया है।उन्होंने कहा कि आपदा में 500 से अधिक घर पूरी तरह तबाह हुए हैं और 1000 से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं जो अब रहने लायक नहीं बचे। धर्मपुर के स्याठी गांव जैसे कई इलाके पूरी तरह से मिट्टी में मिल गए हैं और लोग आज भी खुले में रहने को मजबूर हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल जैसे पर्वतीय राज्य के लिए एक क्षेत्र विशेष आधारित (एरिया स्पेसिफिक) पुनर्वास नीति की तत्काल आवश्यकता है और इसके लिए केंद्र सरकार से विशेष पैकेज की मांग की गई है।अंत में उन्होंने आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्यों में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए सहयोग के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार भी व्यक्त किया।