तेहरान | पश्चिम एशिया एक बार फिर युद्ध की आशंका से घिर गया है। ईरान और इजरायल के बीच छिपा हुआ टकराव अब खुलकर सामने आ गया है। शुक्रवार, 13 जून को ईरानी टेलीविजन पर पुष्टि की गई कि रिवोल्यूशनरी गार्ड की मिसाइल यूनिट के प्रमुख जनरल आमिर अली हाजीजादेह एक हालिया हमले में मारे जा चुके हैं।
इजरायली हमलों में ईरान को भारी नुकसान, कई शीर्ष वैज्ञानिक और सैन्य अधिकारी ढेर
ईरानी मीडिया के अनुसार, गुरुवार रात इजरायल ने ईरान के कई परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए। इन हमलों में:
- 6 वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हुई,
- कई सैन्य अधिकारी भी मारे गए,
- और सबसे बड़ा झटका लगा ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी की मृत्यु से।
अमेरिकी प्रतिक्रिया: ट्रंप का तीखा संदेश, ‘अब नहीं माने तो अंजाम गंभीर होगा’
हमले के तुरंत बाद अमेरिका की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर ईरान को चेताते हुए कहा, “मैंने ईरान को पहले भी समझौते का मौका दिया। अब अगर उन्होंने फिर गलती की, तो अगली कार्रवाई और भी गंभीर होगी।” ट्रंप ने संकेत दिए कि ईरान को परमाणु समझौते की ओर लौटना चाहिए, वरना परिणाम भुगतने होंगे।
संवाद से पहले हमला: रणनीतिक दांव या युद्ध की शुरुआत?
यह हमला उस समय हुआ है जब अमेरिका और ईरान के बीच ओमान में यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम को लेकर अहम बातचीत होने वाली थी। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं—क्या यह हमला बातचीत को बाधित करने की रणनीति थी?
तनाव बढ़ने की आशंका, युद्ध की ओर बढ़ सकता है टकराव
गाजा युद्ध 2023 के बाद से ईरान और इजरायल के रिश्ते लगातार तनावपूर्ण रहे हैं। अब दोनों देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौत ने हालात को और गंभीर बना दिया है। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह टकराव अब सीमित संघर्ष से आगे बढ़कर खुले युद्ध की शक्ल ले सकता है।