Delhi,17 September-राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि यदि राजनीति में केवल आलोचना के बजाय रचनात्मक संवाद और सकारात्मक सहयोग को बढ़ावा दिया जाए,तो भारत वर्ष 2047 से पहले ही विकसित राष्ट्र का दर्जा प्राप्त कर सकता है।
वे आज नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन एवं पुस्तक विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।यह कार्यक्रम नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था।सम्मेलन का विषय था “विकसित भारत/2047ः समावेशी विकास, सामाजिक न्याय और सतत विकास का रोडमैप।राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ देते हुए उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना की।अपने संबोधन में शुक्ल ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ने उल्लेखनीय प्रगति की है।विकास केवल शासन तक सीमित न रहकर एक जन आंदोलन के रूप में सामने आया है।आत्मनिर्भर भारत,नवाचार,महिला सशक्तिकरण, स्वच्छ ऊर्जा, सामाजिक न्याय और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने वाली योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ये प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होंगे।उन्होंने जीएसटी परिषद की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि “जहाँ संसद में असहमति के कारण कई बार गतिरोध उत्पन्न हुआ, वहीं जीएसटी परिषद ने हमेशा सर्वसम्मति से निर्णय लिए। यह एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रतीक है।”
प्रधानमंत्री की जनधन योजना का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जीरो बैलेंस पर खोले गए खातों ने बैंकिंग सेवाओं को आमजन तक पहुँचाया और एक वर्ष में ही इसमें लगभग 56 हजार करोड़ रुपये जमा हुए। यह भ्रष्टाचार-मुक्त व्यवस्था के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।उन्होंने हिमाचल प्रदेश में उनके द्वारा शुरू किए गए नशामुक्ति अभियान का भी उल्लेख किया और कहा कि अब लगभग हर पंचायत में इस विषय पर चर्चा होने लगी है। युवाओं को नशे से बचाना प्रदेश और देश के भविष्य के लिए आवश्यक है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री पर आधारित सात पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।कार्यक्रम में असम के पूर्व राज्यपाल जगदीश मुखी, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार, लेखक डॉ. बसन गोयल और अन्य गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित रहे.