26 सितम्बर, यमुनानगर –चंद पल की बरसात और पूरा शहर जलमग्न हो गया. सड़कों पर भी दो से तीन-तीन फीट पानी जमा हो गया,जिसके चलते वहां रेंग रेंग कर पानी में से निकलने लगे तो वही कॉलोनी के बीच गंदे नाले का पानी लोगों के घरों में घुस गया. कहीं गाड़ियां बंद हो गई और लोगों के घरों में तीन से चार-चार फीट पानी आने से उनका भारी नुकसान हो गया.लोगों का आरोप था की बरसात तो हर बार आनी ही है लेकिन निगम की लापरवाही से इन लोगों का हर साल दो से तीन लाख रुपए का नुकसान होता है.
यमुनानगर में महज आधे घंटे की बरसात में पूरे शहर को ही जलमग्न कर दिया सड़कों पर दो से तीन-तीन फीट पानी इकट्ठा हो गया. जिसके चलते इस पानी में से लोग गाड़ी निकलने से भी गुरेज करते हुए नजर आए और जो पानी में गाड़ी ले गया उसकी गाड़ी बीच पानी में ही बंद हो गई मुख्य सड़क से लेकर शहर के मॉडल टाउन के हालात ऐसे थे कि मानो यहां विकास कभी हुआ ही ना हो. लोगों का आरोप था कि निगम ने नाले को पूरी तरह से बंद कर दिया जिसके चलते पानी ओवरफ्लो होकर बैक मार रहा है और यह गंदा पानी लोगों के घरों में जा रहा है मॉडल टाउन के समीप गुरुद्वारा जप्बी वाला के पास के हालात ऐसे थे कि लोगों के घरों में तीन-तीन फीट पानी था और वह भी गंदे नाले का बरसात रुकने के बाद भी घंटो यह पानी वहां से नहीं निकला हर तरफ पानी ही अपनी नजर आ रहा था और गाड़ियां बीच से निकलने के बाद बंद हो रही थी लोगों का गुस्सा इस कदर था कि उनका कहना था कि निगम की ऐसी लापरवाही थी कि उन्होंने नाल ऊपर से बंद कर दिया जबकि नल का आकार काफी छोटा होने के कारण नाला पानी नहीं झेल पता और सारा पानी इन लोगों के घरों में आ जाता है और जब भी बरसात आई है तो लोगों के घरों में यही हालत देखने को मिलता है और हर घर में दो से तीन लाख रुपए का नुकसान इस गंदे पानी की वजह से हो जाता है जिसका सीधे-सीधा जिम्मेदार नगर निगम है.