शिमला,22 फरवरी(TSN)-नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने नशा,अवैध खनन,अपराध को लेकर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं.उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराध चरम पर है,पिछले 50 दिन में प्रदेश भर में 16 हत्याएं हो चुकी हैं।पिछले 1 महीने में नशे से पांच युवकों की मौत हो चुकी है।आज नशे की ओवरडोज से एक युवक के मौ.त का मामला अखबारों की सुर्खियां बना है।खनन माफिया पुल,सड़क आदि को खोद कर ले जा रहे हैं।एसपी ऑफिस के दो सौ मीटर के दायरे में युद्ध स्तर पर अवैध खनन हो रहा है और लोगों के समूह द्वारा शिकायत करने के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है।प्रदेश में हर तरफ अराजकता व्याप्त है,माफिया पुलिस के काबू के बाहर है और सरकार के इकबाल को चुनौती दे रहा है लेकिन हमारे प्रदेश की खुफिया पुलिस समोसा और समोसे की जांच को लीक करने वालों को खोजने में व्यस्त है।
मीडिया की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला
जयराम ठाकुर ने कहा कि इस मामले में सीआईडी द्वारा करवाई गई एफआईआर भी हास्यास्पद और कॉन्सपिरेसी से भरी हुई है।भारतीय न्याय संहिता की धारा 353(2) मीडिया पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश है।यह एफआईआर मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला है।जयराम ठाकुर ने कहा कि एफआईआर में कहा गया है कि बार-बार संवेदनशील मामले मीडिया में लीक होते हैं तो मुख्यमंत्री यह स्पष्ट करें कि पहले ऐसे कितने मामले हैं जो मीडिया में लीक हो चुके हैं और उनकी वजह से प्रदेश की संप्रभुता और आंतरिक सुरक्षा पर क्या–क्या खतरा है?मुख्यमंत्री यह भी बताएं कि आखिर उनके समोसे कौन खा गया इसकी जांच में कैसी गोपनीयता है और यह जनहित से कैसे जुड़ा हुआ है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने तानाशाही रवैया को छोड़ना चाहिए और आम जनता की समस्याओं पर बात करनी चाहिए। मीडिया को कुचलने के दुष्चक्र रचने के बजाय प्रदेश में फन फैला रहे नशा, खनन माफियाओं को कुचलने पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। मुख्यमंत्री प्रदेश में अघोषित इमरजेंसी लगाने की कोशिश से बाज आएं क्योंकि उन्हें पता होना चाहिए कि उनकी ऐसी साजिशें कामयाब नहीं होंगी।