मंडी, धर्मवीर ( TSN)– देश के वामपंथी दलों ने केंद्र सरकार के बजट का नकारते हुए इसे अमीरों का बजट बताया है। इसी के विरोध में आज वामपंथी दल माकपा और भाकपा ने संयुक्त रूप से मंडी शहर के सेरी मंच पर विरोध प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
सिर्फ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए पारित किया गया है बजट
वामपंथी नेता कुशाल भारद्वाज ने कहा कि बजट में शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण व शिक्षा के बजट में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। राज्यों के वित्तीय अधिकारों पर हमला तेज किया गया है। देश के कॉरपोरेट घरानों को खुश करने के लिए बजट में न्यूनतम वेतन का कोई जिक्र नहीं किया गया है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला कल्याण व बाल विकास हेतु बजट आबंटन में कटौती की गई है। केंद्रीय बजट किसानों और मेहनतकश वर्ग पर बड़ा हमला है। इसमें किसानों के लिए न कोई एमएसपी है, न कोई ऋण माफी है। केंद्रीय बजट में उर्वरक सब्सिडी में कमी की गई है। गरीबी बढ़ने के साथ-साथ काम की अत्यधिक मांग बढ़ने के बावजूद मनरेगा में कोई वृद्धि नहीं की गई है। बजट में निजी क्षेत्र को आगे बढ़ाने, बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई लाने और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में देशी विदेशी पूंजीपतियों की घुसपैठ को आसान किया गया है।
किसानों, मजदूरों की बात करना भूली सरकार
कुशाल भारद्वाज ने कहा कि वामपंथी पार्टियों कि मांग है कि 200 बड़े अरबपतियों पर 4 प्रतिशत वेल्थ टैक्स लगाया जाए तथा कॉरपोरेट टैक्स भी बढ़ाया जाए, कृषि ऊपज के लिए एमएसपी का प्रावधान तथा ऋण माफी का प्रावधान किया जाए। मनरेगा आबंटन 50 प्रतिशत बढ़ाया जाए, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए फंड आबंटन बढ़ाया जाए। पीडीएस के लिए सब्सिडी बढ़ाई जाए। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला व बाल विकास के लिए बजट आबंटन में वृद्धि की जाए। शिक्षा पर 6 प्रतिशत व स्वास्थ्य बजट में 3 प्रतिशत सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस जनविरोधी बजट के प्रस्तावों को ठुकराते हुए वामपंथी पार्टियां एक वैकल्पिक प्रस्ताव की घोषणा करती हैं।इस प्रदर्शन ऐडवोकेट देस राज शर्मा व सुरेश सरवाल ने भी संबोधित किया। इस मौके पर ललित ठाकुर, मेघ राज पालसरा, महेंद्र राणा, वीना वैद्य, जोगिंदर वालिया, राजेश शर्मा सहित बड़ी संख्या में दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं व आम लोगों ने भी हिस्सा लिया।