Mandi,Dharamveer(TSN)–जब युवा सरकारी नौकरियों की दौड़ में लगे हैं,मंडी जिले के चरखा गांव के भाग सिंह ने एक अनोखा रास्ता चुनकर मिसाल कायम की है।उन्होंने आईटी की नौकरी को अलविदा कहकर फूलों की खेती को अपनाया और आज वे सालाना करीब 12 लाख रुपये कमा रहे हैं।
पॉलीहाउस खेती से बदली किस्मत
वर्ष 2020 में भाग सिंह ने हिमाचल पुष्प क्रांति योजना और एकीकृत बागवानी विकास मिशन के सहयोग से तीन पॉलीहाउस स्थापित कर कार्नेशन फूलों की खेती शुरू की। शुरुआती सफलता ने उन्हें प्रोत्साहित किया और उन्होंने अगले तीन वर्षों में खेती का दायरा बढ़ा लिया। अब वे 1700 वर्ग मीटर क्षेत्र में कार्नेशन, स्प्रे कार्नेशन, स्टोमा और जिप्सो जैसे खूबसूरत फूल उगाकर दिल्ली की मंडियों तक पहुंचा रहे हैं।
सरकारी मदद बनी सफलता की कुंजी
इस व्यवसाय में उन्होंने अब तक लगभग 20 लाख रुपये निवेश किए हैं,जिसमें से 15-16 लाख रुपये की सब्सिडी उन्हें सरकार से मिली। तकनीकी मार्गदर्शन और योजनाओं की सहायता से यह काम उनके लिए न सिर्फ आसान बल्कि आर्थिक रूप से भी लाभकारी बन गया।
“खेती-किसानी में भी है करियर की चमक” – भाग सिंह
भाग सिंह का मानना है कि युवा अगर नौकरी की बजाय कृषि व उद्यमिता की ओर ध्यान दें तो वे आत्मनिर्भर बन सकते हैं। वे बताते हैं कि आज वे हर महीने एक लाख रुपये तक की आमदनी कर रहे हैं और उनके काम को देखकर कई अन्य युवा भी फूलों की खेती में रुचि ले रहे हैं।
फूलों की खेती को बढ़ावा देने वाली सरकारी पहलें
हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के तहत किसानों को पॉलीहाउस, शेड नेट,ड्रिप सिंचाई,स्पोर्टिंग नेट आदि पर 85% तक सब्सिडी मिलती है।इसके अलावा,फूलों की ढुलाई पर बस किराए में 25% छूट और सौर ऊर्जा आधारित पशु सुरक्षा बाड़ पर भी सहायता दी जा रही है।