4 नवम्बर, यमुनानगर –एक तरफ दिल्ली में दूषित यमुना को छठ पर्व से जोड़कर जमकर राजनीति हो रही है.वही यमुनानगर में भी यमुना नहर के हालात कुछ ऐसे ही है छठ पर्व को लेकर कार्यक्रम भी वहां रखा.यहां गंदे नालो के बीच में खडे होकर अब पूर्वांचल के लोगों को मजबूरी में सूर्य को जल चढ़ाना पड़ेगा।
बता दे कि छठ पर्व को लेकर इन दोनों यमुना नहर के घाटों की सफाई की जा रही है लेकिन यहां पर पूर्वांचल के लोग सूर्य को नमस्कार कर छठ मैया के इस व्रत की शुरुआत करेंगे वहां पर यमुना नहर का पवित्र पानी तो नहीं बल्कि शहर की गंदगी जो कि गंदे नाले के रूप में यमुना में आ रही है वहां पर ही पूर्वांचल के लोग स्नान करने के लिए मजबूर होंगे. चित्ता मंदिर घाट के पास जगह-जगह छत पर मनाने की व्यवस्था की जा रही है लेकिन इस 1 किलोमीटर के दायरे में तीन ऐसे गंदे नाले हैं जिनमें शहर की ज्यादातर गंदगी सीधे यमुना नहर में डाली जा रही है. हालांकि दो नाले तो बिल्कुल खुले हैं लेकिन एक को आनन फानन में प्रशासन की तरफ से बंद तो किया गया,लेकिन वह भी लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम किया गया. नाले का गंदा पानी लोगों को दिखाई ना दे इसको लेकर घास फूस को उसे नाले के ऊपर फेंक दिया गया,लेकिन जब गंदगी तो गंदगी है इसकी बदबू से ही लोगों को एहसास हो जाता है कि यहां पर क्या है.हालांकि यह नाला भी सीधा यमुना नहर के अंदर जाता साफ दिखाई दे रहा है.