कुरुक्षेत्र,28मार्च-क्या आप जानते हैं हरियाणा में एक ऐसा मंदिर है,जहां महिलाओं की एंट्री बैन है।धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के पिहोवा में यह मंदिर है भगवान महादेव के पुत्र कुमार कार्तिकेय का,जहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित है,केवल पुरुष जाते हैं.
मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश की इजाजत नहीं
कार्तिकेय मंदिर के मुख्य पुजारी ने बताया की मंदिर में केवल विवाहिताओं के प्रवेश पर ही रोक नहीं है बल्कि नवजात बच्ची तक को गोद में लेकर नहीं ले जाया जा सकता है। यह मंदिर है,भगवान महादेव के पुत्र कुमार कार्तिकेय का। महिलाएं मंदिर परिसर में आ तो जाती हैं लेकिन उन्हें मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश की इजाजत नहीं है।मंदिर में बाकायदा बोर्ड में इस बात का उल्लेख किया गया है।देशभर में सिर्फ पिहोवा के सरस्वती तीर्थ पर स्थित स्वामी कार्तिकेय का मंदिर ही ऐसा है जहां महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है।
गीता की जन्मस्थली कुरुक्षेत्र से महज 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित पिहोवा में सरस्वती तीर्थ पर ही एक मंदिर ऐसा भी है जहां सदियों से महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी है।मंदिर में बोर्ड में महिलाओं के लिए सख्त हिदायत लिखी हुई है कि वे भीतर न झांकें। इसी वजह से मंदिर में ज्योत तो जल रही हैं लेकिन लाइट नहीं लगाई गई हैं।मंदिर के महंत मंदिर में प्रवेश पर महिला के विधवा होने तक का उदाहरण देने लगते हैं।
कहानी के पीछे ये है मान्यता
मंदिर के महंत के अनुसार जब कार्तिकेय ने मां पार्वती से क्रोधित हो अपने शरीर का मांस और रक्त अग्नि को समर्पित कर दिया था तब भगवान शिव ने कार्तिक को पृथुदक तीर्थ (पिहोवा तीर्थ) पर जाने का आदेश दिया था।तब कार्तिक के गर्म शरीर को शीतलता देने के लिए ऋषि मुनियों ने सरसों का तेल उन पर चढ़ाया तो कार्तिकेय इसी स्थान पर पिंडी रूप में विराजित हो गए। तब से आज तक कार्तिक महाराज की पिंडी पर सरसों का तेल चढ़ाने की भी परंपरा चली आ रही है।